hindi kahani short
वहां पहुचकर वह बोला- स्वामी मैंने कहा था वही हुआ, आपकों आता देखकर अपने दुर्ग में छिप गया हैं, आइये आपकों उसकी सूरत दिखा देता हु, ” जरुर मै उस नीच को देखकर दुर्ग में ही उससे लडुगा.
पानी परात को हाथ छुयो नहिं नैन्नु के जल तें पग धोए
स्त्रेरह बिचिया ल्याई म्हारा बीर-टमरकटूँ
खेत का मालिक मुह उतारकर आकाश में उड़ती हुई कुरज को एकटक देखता रहा.
लड़का बेहद बुद्दिमान व होशियार था उसने तुरंत उस सेठ के घर काम करने की नौकरी छोड़ दी.
अगले दिन भी सेठ लड़के की उस बात को नही भूल पाया, उसने तुरंत लड़के को बुलाया और कल रात के स्वप्न की बात फिर पूछी- लड़का इस बार भी वह बात टाल गया.
इसलिए कि इन्होने सहकार की भावना से काम किया. खुद भी खाओं दूसरों को भी खिलाओं, जिओं और जीने दो.
गर्भावस्था गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह
आप दोनों ही कल मेरे यहाँ भोजन पर आमंत्रित हो. भोजन के बाद बताउगा की कौन बुद्धि में श्रेष्ट हैं.
देथा जी की अन्य लघु कथाएं मैं बातां री फुलवारी,प्रेरणा,सोरठा,रूँख,कबू रानी,बापु के तीन हत्यारे विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.
विनम्र रहें और यह कभी न भूलें कि शरीर का आकार मायने नहीं रखता है, बल्कि आपकी अंदर की शक्ति ही जरुरत आने पर काम आती है।
और बीते वर्षो की सूनी जिन्दगी की दासता सुनानी लगी, मगर उस युवक का ध्यान तो बिस्तर पर लेटे युवक पर था.
मंत्री ने स्वप्न बताने से इनकार कर दिया. राजा ने क्रोधित होकर मंत्री को कैद में डाल दिया.
चारों व्यक्ति भी उसके आस-पास बैठे हुए थे.